जब फ़ाइन आर्ट में रुचि रखने वाले कलाकार अपनी लोक कला को पहचान देने में जुट जाए तो लोक कला समृद्ध होती है। आज हम ऐसे ही एक युवा कलाकार विशुद्धानंद से आपका परिचय करवाते हैं। किसी भी थीम पर मंजूषा कला को उकेरने की अद्भुत क्षमता विशुद्धानंद में है । स्थानीय संस्था Disha Gramin Vikas Manch द्वारा आयोजित मंजूषा प्रशिक्षण शिविर में विशुद्धानंद इस कला से काफ़ी प्रभावित हुआ। और हर दिन कुछ नए थीम पर इस कला को बनाने की ज़िद ने इसकी अलग पहचान बनाई। साथ ही देश की बड़ी ईकामर्स कम्पनियों के वेबसाइट पर अपने उत्पादों को बेचना शुरू किया। वर्तमान में विशुद्धानंद मंजूषा क्लस्टर से जुड़कर अपनी इस अनवरत यात्रा को जारी रखा है । इस वर्ष प्रदान किए जाने वाले बिहार राज्य पुरस्कार के लिए आयोजित प्रतियोगिता में इस युवा कलाकार ने भी अपनी भागीदारी दी है। मंजूषा आर्ट रिसर्च फ़ाउंडेशन की ओर से हार्दिक शुभकामनाएँ।
Vishuddhanand Mishra
by manjushaa | Jan 29, 2019 | Manjusha Artists | 2 comments
धन्यवाद
Well done