आज मिलते हैं मनोज पंडित जी से। जब लोग मंजूषा कला को बिहार की दूसरी लोककला मधुबनी पेंटिंग समझने की भूल करते थे तभी ये गाँव की महिलाओं को इस कला में प्रशिक्षित कर रहे थे। देश स्तर पर कई कार्यक्रमों में मंजूषा कला को स्थान दिलाने में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वर्तमान में मंजूषा गुरु के नाम से लोकप्रिय मनोज पंडित जी नई पीढ़ी को इस कला से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं । बिहार सरकार इन्हें राज्य पुरस्कार से सम्मानित कर चुकी है ।