आज मिलते हैं बिहार सरकार द्वारा मंजूषा कला के लिए सम्मानित कलाकार श्वेता कुमारी से। भागलपुर की श्वेता का परिचय मंजूषा कला से बहुत पुराना नहीं है पर इस कला के प्रति लगन ने इन्हें अच्छे लोक कलाकारों की पंक्ति में शामिल किया। वर्ष 2016 में उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान, पटना द्वारा संग्रहालय, भागलपुर में आयोजित मंजूषा महोत्सव में इन्हें इस कला ने आकर्षित किया। फिर अनुकृती सरीखे कलाकारों के सम्पर्क में आयीं। और २ साल के दौरान कई कार्यक्रमों में भाग लिया। 2018 में बिहार सरकार द्वारा मंजूषा कला में योगदान के लिए श्वेता जी को मेरिट सर्टिफ़िकेट अवार्ड से सम्मानित किया गया। वर्तमान में मंजूषा कला को दैनिक उपयोग में आने वाली कई उत्पादों पर इस कला को उकेरने का कार्य कर रही हैं जिससे मंजूषा कला आजीविका का माध्यम बन सके। 

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