2018 में बिहार सरकार ने मंज़ूषा कला में राज्य पुरस्कार के लिए अनुकृति को चुना। आइए जानते हैं इनके बारे में –

वर्ष 2010 में नाबार्ड प्रायोजित परियोजना में दिशा ग्रामीण विकास मंच द्वारा चलाए गए प्रशिक्षण में अनुकृती ने इस कला के बारे में जाना। भागलपुर के सोलहों प्रखंडों के 2000 से अधिक प्रतिभागियों में से अनुकृती को 8 साल में राज्य पुरस्कार मिलना इसके लगन को प्रमाणित करता है । इस दरम्यान मंजूषा कला के प्रचार प्रसार और उत्पाद तैयार करने जैसे सभी कार्यक्रमों में अनुकृती सक्रिय रहीं। वर्तमान में उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के मंजूषा क्लस्टर से जुड़कर अनुकृती ख़ुद को सक्रिय रखी हैं ।

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